Thursday, 12 October 2017

UPPCS आयोग की परीक्षाओं में माइनस मार्किंग

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग ने प्रतियोगी परीक्षाओं में माइनस मार्किंग यानी प्रश्नों के गलत जवाब देने पर सही जवाब से भी मिलने वाले अंक काट लेने की व्यवस्था का खाका तैयार करके तुक्केबाजों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। वहीं, आयोग के इस कदम से उन छात्रों को फायदा होने वाला है जो कड़ी मेहनत से दिन रात पढ़ाई करके परीक्षा में शामिल होते हैं। ऐसे प्रतियोगियों ने आयोग के फैसले को सराहा है।1आयोग ने आगे होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में माइनस मार्किंग करने का फैसला किया है। यह निर्देश अधियाचन में ही जोड़ा जाएगा। यानी परीक्षाओं में किसी प्रश्न का उत्तर ठीक से न आने पर उसका उत्तर देना प्रतियोगियों के लिए नुकसानदायक होगा। एक गलत जवाब देने पर दशमलव दो पांच अंक सही प्रश्नों के एवज में मिले अंकों से काटे जाएंगे। 1आयोग का कहना है कि आगामी परीक्षा में यह व्यवस्था लागू होगी। ऐसी व्यवस्था संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पहले से लागू है। यूपीपीएससी भी लगभग यूपीएससी के पैटर्न को अपनाने जा रहा है। 1आयोग के इस कदम को सराहते हुए प्रतियोगी छात्र राजू सिंह, प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष शांतनु राय, अजीत सिंह आदि ने कहा है कि सभी आंदोलन अपनी जगह पर हैं लेकिन, आयोग का यह फैसला स्वागत योग्य है। प्रतियोगियों के अनुसार परीक्षाओं में तुक्केबाजी उन छात्रों का नुकसान करती है जो विभिन्न विषयों पर दिन रात अध्ययन करके परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ऐसे छात्र किसी प्रश्न के जवाब पर पूरी तरह विश्वसनीयता न होने के कारण उसे हल करने से बचते हैं, जबकि नकल के बलबूते विभिन्न परीक्षाएं पास कर प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र बड़ी तेजी से उन प्रश्नों के उत्तर विकल्प को भी भर देते हैं, जिनके जवाब उन्हें नहीं मालूम रहते। यानी मसलन तीस प्रश्नों में 27-28 के जवाब भी भर देने पर चार छह में तो उनका तुक्का सही ही बैठ जाता है, जबकि नकलची छात्रों की यह आदत पूरी तैयारी से परीक्षा देने वालों का नुकसान करती है। छात्र कहते हैं कि आयोग के इस फैसले से प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग्य के भरोसे उत्तर विकल्प भरने वाले बाहर हो जाएंगे और मेधावियों को उनका वाजिब हक मिलेगा।

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