शिक्षा विभाग की नीति, जवान की पत्नी का कभी भी हो सकता है अंतर जनपदीय स्थानांतरण
सचिन चौधरी’सम्भल1बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात ऐसी शिक्षिका जिनके पति सेना में हैं उनको मनचाही पो¨स्टग मिल सकेगी। इसके लिए शासनादेश जारी हो गया है। हालांकि, शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के लिए तीन साल तक की समय सीमा बांध दी गई है। जवान की पत्नी का कभी थी अंतर जनपदीय स्थानांतरण हो सकता है। वहीं दिव्यांग शिक्षकों को भी नियम में छूट दी गई है।
भाजपा सरकार ने आदेश दिए हैं कि अंतर जनपदीय स्थानांतरण उन ही शिक्षको को होगा जो एक जिले में तीन वर्ष से अधिक की सेवा दे चुके हो। सरकार का आदेश आने के बाद प्रदेश में अंतर जनपदीय स्थानांतरण रूक गए। किसी भी शिक्षक का स्थानांतरण नहीं हो सका। ऐसे में सरकार ने जिनके पति सेना में और वह शिक्षिका वहीं कोई शिक्षक दिव्यांग है। उन्हें राहत देते हुए नियम में छूट दी है। अब जवान की पत्नी और दिव्यांग शिक्षक कभी मन चाहा स्थानांतरण हो सकता है। इसके लिए सरकार ने शासना देश जारी कर दिया है। इस शासना देश से जवान की पत्नी शिक्षिका और दिव्यांग शिक्षक में खुशी की लहर दौड़ गई है। सम्भल के खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सेना ने बताया कि आदेश जारी हो गया लेकिन आदेश अभी तक हमारे पास तक नहीं आया है।
आंगनबाड़ियों की शैक्षिक योग्यता की होगी जांच
जागरण संवाददाता, चन्दौसी: अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच होगी। बाल विकास परियोजना अधिकारियों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की योग्यता का डाटा मांगा गया है। आंगनबाड़ी अपनी मांगों का समाधान कराने के लिए आंदोलित हैं लेकिन शैक्षिक योग्यता की जांच होने की खबर से उनमें बेचैनी बढ़ गई है। बाल विकास परियोजना के तहत गांव-गांव आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यह केंद्र जनसंख्या के आधार पर संचालित हैं। जनसंख्या ज्यादा होने पर एक गांव में दो-दो आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं। बच्चों का कुपोषण दूर करने तथा गर्भवती महिलाओं के लिए केंद्रों से पुष्टाहार वितरित किया जाता है, जिसकी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्र पर तैनात कार्यकर्ता तथा सहायिका की है। ये नियमित होने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। शैक्षिक योग्यता की जांच किए जाने के आदेश के बाद इनमें खलबली मची हुई है। बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार निदेशालय ने बाल विकास परियोजना अधिकारियों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं की शैक्षिक योग्यता का डाटा मांगा है, जिसमें आंगनबाड़ी का नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, आरक्षण श्रेणी तथा शैक्षिक प्रमाण पत्रों को शामिल किया गया है। सीडीपीओ रचना यादव ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। बताया कि शीघ्र ही विभाग के मुख्य कार्यालय को भेज दिया जाएगा। फिलहाल इस आदेश से आंगनबाड़ी और सहायिकाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
सचिन चौधरी’सम्भल1बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात ऐसी शिक्षिका जिनके पति सेना में हैं उनको मनचाही पो¨स्टग मिल सकेगी। इसके लिए शासनादेश जारी हो गया है। हालांकि, शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के लिए तीन साल तक की समय सीमा बांध दी गई है। जवान की पत्नी का कभी थी अंतर जनपदीय स्थानांतरण हो सकता है। वहीं दिव्यांग शिक्षकों को भी नियम में छूट दी गई है।
भाजपा सरकार ने आदेश दिए हैं कि अंतर जनपदीय स्थानांतरण उन ही शिक्षको को होगा जो एक जिले में तीन वर्ष से अधिक की सेवा दे चुके हो। सरकार का आदेश आने के बाद प्रदेश में अंतर जनपदीय स्थानांतरण रूक गए। किसी भी शिक्षक का स्थानांतरण नहीं हो सका। ऐसे में सरकार ने जिनके पति सेना में और वह शिक्षिका वहीं कोई शिक्षक दिव्यांग है। उन्हें राहत देते हुए नियम में छूट दी है। अब जवान की पत्नी और दिव्यांग शिक्षक कभी मन चाहा स्थानांतरण हो सकता है। इसके लिए सरकार ने शासना देश जारी कर दिया है। इस शासना देश से जवान की पत्नी शिक्षिका और दिव्यांग शिक्षक में खुशी की लहर दौड़ गई है। सम्भल के खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार सक्सेना ने बताया कि आदेश जारी हो गया लेकिन आदेश अभी तक हमारे पास तक नहीं आया है।
आंगनबाड़ियों की शैक्षिक योग्यता की होगी जांच
जागरण संवाददाता, चन्दौसी: अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच होगी। बाल विकास परियोजना अधिकारियों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की योग्यता का डाटा मांगा गया है। आंगनबाड़ी अपनी मांगों का समाधान कराने के लिए आंदोलित हैं लेकिन शैक्षिक योग्यता की जांच होने की खबर से उनमें बेचैनी बढ़ गई है। बाल विकास परियोजना के तहत गांव-गांव आंगनबाड़ी केंद्र हैं। यह केंद्र जनसंख्या के आधार पर संचालित हैं। जनसंख्या ज्यादा होने पर एक गांव में दो-दो आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं। बच्चों का कुपोषण दूर करने तथा गर्भवती महिलाओं के लिए केंद्रों से पुष्टाहार वितरित किया जाता है, जिसकी जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्र पर तैनात कार्यकर्ता तथा सहायिका की है। ये नियमित होने की मांग को लेकर आंदोलित हैं। शैक्षिक योग्यता की जांच किए जाने के आदेश के बाद इनमें खलबली मची हुई है। बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार निदेशालय ने बाल विकास परियोजना अधिकारियों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं की शैक्षिक योग्यता का डाटा मांगा है, जिसमें आंगनबाड़ी का नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, आरक्षण श्रेणी तथा शैक्षिक प्रमाण पत्रों को शामिल किया गया है। सीडीपीओ रचना यादव ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। बताया कि शीघ्र ही विभाग के मुख्य कार्यालय को भेज दिया जाएगा। फिलहाल इस आदेश से आंगनबाड़ी और सहायिकाओं में हड़कंप मचा हुआ है।