Wednesday, 8 November 2017

DAK SEVAK डाक सेवक बनने की दौड़ में एमबीए व बीएड वाले भी

डाक विभाग में 30 अक्तूबर से शुरू है भर्ती प्रक्रिया

डाक सेवक बनने की दौड़ में एमबीए व बीएड वाले भी

डाक विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश परिमंडल में निकाली गई 5314 ग्रामीण डाकसेवकों की नौकरी के लिए इंजीनियरिंग, एमबीए, बीएड, एलएलबी कर चुके युवा भी आवेदन कर रहे हैं। नौकरी की चाहत में सुबह से शाम तक प्रधान डाकघर सहित शहर के तमाम डाकघरों में अभ्यर्थी चालान जमा करने के लिए घंटों लाइन में खड़े हो रहे हैं।इलाहाबाद डिवीजन में 154 पदों पर डाक विभाग की ओर से ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए आवेदन प्रकिया 30 अक्तूबर से शुरू की गई है। इसमें हाईस्कूल पास होना अनिवार्य है। एक ओर जहां हाईस्कूल और इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थी इस पद के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो दूसरी ओर एमबीए, बीएड, एलएलबी और इजीनियरिंग कर चुके युवा ग्रामीण डाक सेवक बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं। प्रधान डाकघर में चालान जमा करने आए सोरांव के मो. दानिश और झलवा के राकेश पांडेय ने बताया कि वह एमबीए की पढ़ाई दो वर्ष पूर्व कर चुके हैं लेकिन अच्छी नौकरी नहीं मिल सकी है। इस भर्ती में मेरिट के अनुसार भर्ती की जाएगी और हाईस्कूल में उनका 75 प्रतिशत अंक है, इसलिए आवेदन किया है। वहीं इंजीनियरिंग कर चुके म्योराबाद के फैसल और तेलियरगंज के विपिन कुमार द्विवेदी, सलोरी के पवन तिवारी इविवि से एलएलबी करने के बावजूद ग्रामीण डाक सेवक की भर्ती के लिए आवेदन कर रहे हैं।मेरिट से होगी डाक सेवकों की भर्ती: डाक सेवकों की भर्ती प्रक्रिया मेरिट के अनुसार की जाएगी। जिस अभ्यर्थी का नम्बर हाईस्कूल में सबसे अधिक रहेगा उसकी नियुक्त की जाएगी। 29 नवम्बर आवेदन की अंतिम तिथि है।

तीन से पांच घंटे करना पड़ता है काम

ग्रामीण डाकसेवकों को प्रतिदिन तीन से पांच घंटे काम करने का प्रवधान है। डाक विभाग की ओर से इनको निश्चित मानदेय न देकर इनको टाइम रिलेटेड कॉटिंनियुटी एलाउंस (टीआरसीए) दिया जाता है। पिछले वर्ष तक इनको लगभग सात हजार रुपये दिए जाते थे। प्रवर डाक अधीक्षक सुबोध प्रताप सिंह ने बताया कि इन सभी को काम के अनुसार टीआरसीए दिया जाता है।

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