बीडीओ के 370 पदों पर नजर गड़ाए हैं अफसर
छेड़ी मुहिम
’ जनसुनवाई पोर्टल पर सैकड़ों छात्रों ने भेजा सीएम को पत्र
’ अफसरों के दबाव में अधियाचन न भेजने का लगाया आरोप
इलाहाबाद प्रमुख संवाददाता
प्रदेश में खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) के रिक्त 370 पदों पर विकास से जुड़े विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी नजर गड़ाए हुए हैं। इनकी कोशिश है कि इन पदों पर स्थाई नियुक्ति टाल दिया जाए ताकि वे कार्यवाहक के तौर पर इस मलाईदार पद पर बनें रह सकें।यही वजह है कि प्रतियोगी छात्रों ने इन रिक्त पदों को पीसीएस 2017 में शामिल कराने के लिए मुहिम छेड़ दी है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की पहल पर अब तक 100 से अधिक प्रतियोगी छात्र उत्तर प्रदेश सरकार के जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भेज चुके हैं। इन पत्रों के जरिए प्रतियोगियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बीडीओ के रिक्त पदों को पीसीएस 2017 में शामिल कराने की मांग की है।प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दूसरे विभागों के अफसरों को बीडीओ का पद भार सौंपे जाने से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इसी तरह से एक बीडीओ के पास एक से अधिक ब्लाकों का प्रभार होने से भी विकास कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होती है। प्रतियोगी छात्रों का खुला आरोप है कि बीडीओ के रिक्त पदों को भरने का अधियाचन लोक सेवा आयोग को उन जिला स्तरीय अफसरों के दबाव में नहीं भेजा जा रहा है जो इस पद का प्रभार लेकर मलाई काटने की मंशा पाले हुए हैं। प्रतियोगी छात्रों को प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की ओर से 23 सितम्बर को प्रदेश के मंडलायुक्तों, डीएम और सीडीओ को जारी पत्र से पता चला है कि प्रदेश में वर्तमान में बीडीओ के 370 पद खाली हैं। जिन्हें स्थाई नियुक्ति और पदोन्नति से भरा जाना है। यह पत्र बीडीओ के इन रिक्त पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अफसरों की तैनाती के संबंध में भेजा गया है। नियमानुसार पीसीएस प्री का परिणाम आने तक शासन स्तर से पीसीएस संवर्ग के जितने भी पदों का अधियाचन (रिक्त पदों की सूचना) आयोग के पास आता है, उसे उस समय चल रही भर्ती में शामिल कर लिया जाता है। पीसीएस प्री 2017 की भर्ती इस समय चल रही है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 24 सितंबर को हुई है।
छेड़ी मुहिम
’ जनसुनवाई पोर्टल पर सैकड़ों छात्रों ने भेजा सीएम को पत्र
’ अफसरों के दबाव में अधियाचन न भेजने का लगाया आरोप
इलाहाबाद प्रमुख संवाददाता
प्रदेश में खंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) के रिक्त 370 पदों पर विकास से जुड़े विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी नजर गड़ाए हुए हैं। इनकी कोशिश है कि इन पदों पर स्थाई नियुक्ति टाल दिया जाए ताकि वे कार्यवाहक के तौर पर इस मलाईदार पद पर बनें रह सकें।यही वजह है कि प्रतियोगी छात्रों ने इन रिक्त पदों को पीसीएस 2017 में शामिल कराने के लिए मुहिम छेड़ दी है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय की पहल पर अब तक 100 से अधिक प्रतियोगी छात्र उत्तर प्रदेश सरकार के जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भेज चुके हैं। इन पत्रों के जरिए प्रतियोगियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बीडीओ के रिक्त पदों को पीसीएस 2017 में शामिल कराने की मांग की है।प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दूसरे विभागों के अफसरों को बीडीओ का पद भार सौंपे जाने से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इसी तरह से एक बीडीओ के पास एक से अधिक ब्लाकों का प्रभार होने से भी विकास कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होती है। प्रतियोगी छात्रों का खुला आरोप है कि बीडीओ के रिक्त पदों को भरने का अधियाचन लोक सेवा आयोग को उन जिला स्तरीय अफसरों के दबाव में नहीं भेजा जा रहा है जो इस पद का प्रभार लेकर मलाई काटने की मंशा पाले हुए हैं। प्रतियोगी छात्रों को प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की ओर से 23 सितम्बर को प्रदेश के मंडलायुक्तों, डीएम और सीडीओ को जारी पत्र से पता चला है कि प्रदेश में वर्तमान में बीडीओ के 370 पद खाली हैं। जिन्हें स्थाई नियुक्ति और पदोन्नति से भरा जाना है। यह पत्र बीडीओ के इन रिक्त पदों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अफसरों की तैनाती के संबंध में भेजा गया है। नियमानुसार पीसीएस प्री का परिणाम आने तक शासन स्तर से पीसीएस संवर्ग के जितने भी पदों का अधियाचन (रिक्त पदों की सूचना) आयोग के पास आता है, उसे उस समय चल रही भर्ती में शामिल कर लिया जाता है। पीसीएस प्री 2017 की भर्ती इस समय चल रही है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 24 सितंबर को हुई है।