जागरण संवाददाता, उन्नाव : किताबों के वितरण में लेटलतीफी से परिषदीय स्कूलों की पढ़ाई अब प्रभावित नहीं होगी। इसके अलावा गुरुजी के गैरहाजिर या स्कूल बंद होने के बावजूद भी कोर्स नहीं पिछड़ेगा। छूटे कोर्स को शिक्षक मोबाइल, लैपटाप या फिर प्रोजेक्टर के माध्यम से पढा़ सकेंगे। उप्र बेसिक शिक्षा परिषद ने डिजिटल इंडिया के तहत यह सपना बुन रहा है। 'ई-बुक' के जरिए समस्त पाठ्यक्रमों का डिजिटाइजेशन होना शुरू है। सब कुछ समय पर हो सके इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद ने डायट प्राचार्य सहित बीएसए को आदेशित किया है।
गौरतलब है कि परिषदीय स्कूलों में प्राइमरी व जूनियर कक्षाओं की किताबें पहुंचते-पहुंचते आधा सत्र बीत जाता है। ऐसे में मजबूरन शिक्षक को पुरानी किताबी से कक्षाएं संचालित करनी पड़ जाती है। किताबों की नई खेप में यदि कोई बदलाव हैं तो उसकी पढ़ाई करा पाना मुश्किल हो जाता है। इसका असर परीक्षा में देखने को मिलता है। अधूरे पाठ्यक्रम के साथ बच्चे परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। इन परेशानियों को खत्म किए जाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने डिजिटल इंडिया के तहत 'ई-बुक' का रास्ता चुना है। साफ्टवेयर के संबंध में शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिन बच्चों के पास संसाधन होंगे उन्हें भी ई-बुक के प्रति जागरूक किया जाएगा।
डिजिटल पढ़ाई को लेकर परिषदीय स्कूलों में कंप्यूटर मुहैया कराए जाएंगे। इसके अलावा प्रोजेक्टर की भी व्यवस्था की जाएगी। पहले चरण में जूनियर स्कूलों को शामिल किया गया है। जिले में इनकी संख्या 640 के करीब है। यहां सुविधाएं मुहैया होते ही प्राइमरी स्कूलों को योजना से जोड़ना शुरू होगा।
पाठ्य पुस्तकें होंगी डिजिटलाइज
कक्षा-1 से आठ की समस्त पुस्तकों का डिजिटलाइज कराकर ई-बुक तैयार की जा रही है। इंटरनेट के माध्यम से ई-पब रीडर साफ़्टवेयर को इस्टाल करते हुए ई-बुक को डाउनलोड किया जाएगा। कम्प्यूटर के अलावा मोबाइल पर ई-बुक के जरिए पढ़ाई ई-पोथी को इंस्टाल करना होगा। किताबों के संग्रह पर पहुंचने के लिए डाउनलोड स्टडी मैटीरियल पर क्लिक कर कक्षा व विषय का चयन कर पुस्तकों को डाउनलोड करें।