शुभ दिन
मित्रों दिनांक 23-11-17 को मेरे द्वारा स्पेशल अपील डिफेक्टिव 577/17 सुदेश कुमार पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार की सुनवाई 23 नवंबर को कोर्ट नंबर 1 में न्यायमूर्ति माथुर एवं न्यायमूर्ति अशोक जी की बेंच में हुई जिसमें न्यायमूर्ति बघेल साहब द्वारा पारित आदेश दिनांक 20 सितम्बर में पूरे बंच आदेश को चैलेंज किया गया। सुदेश पाल जी ने पूर्व की रिट अधिवक्ता सिंह साहब से करवाई और लगभग 1 लाख रुपये फीस दी लेकिन हस्र ये हुआ कि लगभग 40 रिट का बंच खारिज हुआ इसमें सीनियर अधिवक्ता खरे साहब भी थे। न्यायमूर्ति बघेल साहब का आदेश प्रभाकर अवस्थी जी ने इस पॉइंट पर चैलेंज किया कि 862 तदर्थ नियोक्ताधारी 72825 का हिस्सा नही है ये स्टेट सुप्रीम कोर्ट में काउंटर एवम 9 फरबरी 2016 के शाशनदेश में क्लेरिफिकेशन दे चुकी है। सुदेश पाल जी की अपील मात्र इसी ग्राउंड पर है कि माननीय न्यायमूर्ति श्री प्रदीप कुमार सिंह बघेल जी ने उनकी प्रेयर से हटकर आर्डर किया है। सुदेश पाल जी की रिट की प्रेयर और ग्राउंड में ये बात कही भी नही थी कि 862 पार्ट है या नही। कोई भी जज कभी बियॉन्ड प्रेयर आर्डर नही करता है लेकिन ये लाइन सिर्फ मेरी अपील 457/17 ऋषि श्रीवास्तव बनाम स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश को खारिज कराने के लिए लिखवाई गयी। अखिलेश कुमार पांडेय की रिट का ये आखिरी पैरा मुझे खटक रहा था इसलिये मैंने सुदेश पाल के स्पेशल अपील इसी आधार पर चैलेंज की। चूंकि पूर्व में 1100 में बचे रेस्पोंडेंट की अपील सिमिलर मामले पर माननीय तरुण अग्रवाल जी द्वारा खारिज की जा चुकी है लेकिन वही अपील मेरे द्वारा दाखिल हुई और अपील allow होकर मेरी स्वयं की अपील 457/2017 ऋषि श्रीवास्तव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कनेक्ट हुई। अब सम्पूर्ण मामले की सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। ये खबर मेरठ के 103 नम्बरी उस ठग तक भी पहुंचा दे जिसका जन्म ही लोगो को मूर्ख बनाने के लिए हुआ था और 862 तदर्थ नियोक्ताधारी को अजर अमर बता रहा था उनसे ये भी कह दे की ये मुकदमा उस व्यक्ति के हाथ मे है जो सिर्फ रिजल्ट मेरिट पर चाहता है। कुछ लोग परेसान थे कि मेरी तारीख 2018 लग गयी है तो मित्रों 2017 फिर से हुई। डेट को कटवाना 862 के नियक्ताधारियो का ही खेल है। मेरा 862 नियोक्ताधारी से निवेदन है कि तारीख कटवाने का खेल न खेले, यदि आप सही है और मैं गलत तो मुकदमे को decide करवाये। और रही बात मुकदमा decide करवाने की तो नए साल में वादी और प्रतिवादी दोनों भारत की सर्वोच्च अदालत में होंगे और मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट को मुकदमा फिर से सुनने और मेरिट पर decide करने को कहूँगा। अंत मे जीत सत्य की होगी, जब बिना आवेदन और फर्जी टेट प्रमाण पत्र एवं 30/11/11 के विज्ञापन में आवेदन न करने वाले नौकरी कर सकते हैं तो आप भी करेंगे। दिनांक 20 september 2017 का जस्टिस बघेल साहब का आर्डर बियॉन्ड prayer उन्होंने यदि 862 को 72825 का पार्ट सिद्ध किया तो कैसे स्टेट ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल काउंटर में उसका पार्ट नही माना है। बघेल साहब ने रिट 20 september का ऑर्डर अपने अधिकारछेत्र से बाहर किया है। और ये लाइन मात्र मेरी स्पेशल अपील को खराब करवाने के लिए नियोक्ताधारी द्वारा लिखवाया गया है लेकिन यदि आप 862 डाल डाल है तो मैं पात पात हूँ। खैर 862 को क्लियर करवाकर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हूंगा। अब सभी 862 से रिलेटेड मामलों की सुनवाई 14 दिसंबर को होगी
धन्यवाद
आपका शुभेछु
ऋषि श्रीवास्तव
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