फामरूले से तय किए जाते हैं अंक
प्रश्नों को हटाने के बाद प्रति प्रश्न अंकों का निर्धारण के लिए आयोग ने एक फामरूला तैयार किया है। इसी से अंक का निर्धारण किया जाता है।
इलाहाबाद प्रमुख संवाददातालोक सेवा आयोग की पीसीएस प्री 2017 परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर को लेकर विवाद तेज हो गया है। प्रतियोगी छात्र आयोग की ओर से जारी छह प्रश्नों के उत्तर को गलत बता रहे हैं। इनकी ओर से आयोग को उत्तर गलत साबित करने संबंधी साक्ष्य सहित आपत्ति भेजी गई है। आपत्ति 24 नवम्बर तक दर्ज होनी है।प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के उत्तर को गलत साबित करने के लिए बड़े लेखकों के साथ ही एनसीईआरटी की किताबों और कुछ सरकारी वेबसाइट से मिली सूचना को साक्ष्य बनाया है। इस साक्ष्य के आधार पर आपत्ति दर्ज कराते हुए छह में से तीन प्रश्नों का उत्तर बदलने और तीन प्रश्नों को हटाने की मांग की जा रही है।पहले ही हटाए जा चुके हैं छह प्रश्न:आयोग ने पीसीएस प्री 2017 परीक्षा से पहले ही छह प्रश्न हटा लिये हैं। सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र से एक और द्वितीय प्रश्न पत्र से पांच प्रश्नों को हटाया गया है। प्रथम प्रश्न पत्र से हटाया गया प्रश्न केंद्र सरकार की योजनाओं पर आधारित है जबकि द्वितीय प्रश्न पत्र से हटाए गए पांच प्रश्नों में से दो गणित, दो रिजनिंग और एक प्रश्न अंग्रेजी का है।विशेषज्ञों से लिये जाते हैं सिर्फ प्रश्न: आयोग पीसीएस सहित अन्य परीक्षाओं के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों से प्रश्न लेकर उनका प्रश्न बैंक तैयार करता है। जिन विशेषज्ञों से प्रश्न लिये जाते हैं उनसे उत्तर नहीं लिया जाता है। मॉडरेशन कर प्रश्न बैंक से प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। परीक्षा के बाद आयोग विशेषज्ञों से पेपर हल कराता है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर आवश्यकतानुसार गलत प्रश्नों को हटा या किन्हीं प्रश्नों में एक के बजाय उत्तर के दो विकल्पों को सही मानते हुए उत्तर कुंजी जारी की जाती है। इस पर परीक्षार्थियों की आपत्तियां ली जाती हैं। फिर उसके निस्तारण को विशेषज्ञों की कमेटी गठित होती है पर इनमें वे विशेषज्ञ नहीं शामिल किए जाते, जिन्होंने पूर्व में पेपर हल किया था। इनकी रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकतानुसार उत्तर कुंजी को संशोधित करते हुए ओएमआर का मूल्यांकन कर परिणाम घोषित किया जाता है। इसके बाद संशोधित उत्तर कुंजी भी जारी करने की व्यवस्था है।
इन प्रश्नों पर हुई आपत्ति
पहला प्रश्न-इनमे से कौन सा कथन सही है?
कथन एक-पश्चिमी गोदावरी जिले के गुन्टुफल्ली में प्रारंभिक चैत्यगृह और बिहार चट्टानों को काटकर बनाए गए।
कथन दो-पूर्वी दक्कन के बिहार साधारणतया चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।’ आयोग ने इसका उत्तर केवल पहला कथन सही विकल्प को माना है जबकि प्रतियोगियों का दावा है कि पहला और दूसरा कथन सही विकल्प इसका सही उत्तर है। इस आधार पर प्रतियोगी उत्तर बदलने की मांग कर रहे हैं।
दूसरा प्रश्न-अकबर के शासनकाल में दक्कन में निम्न पद्धतियों में से कौन सा भू-राजस्व वसूली का प्रचलित आधार था?’ आयोग ने इसका उत्तर हल की संख्या माना है जबकि प्रतियोगियों का कहना है कि अलग-अलग किताबों में इसके अलग-अलग उत्तर दिए गए हैं। कहीं जब्त तो कहीं कनकूट का भी उल्लेख है। इसलिए इस प्रश्न को हटाने की मांग की जा रही है।
तीसरा प्रश्न-इनमे से कौन विकल्प सही है?पहला-ब्रिटिश काल में सामान्यतया भारत का व्यापार संतुलन अनुकूल था। दूसरा-धन की निकासी का स्वरूप अप्रतिफलित निर्यात था।’ प्रतियोगियों का कहना है कि इसका उत्तर पहला गलत और दूसरा सही होगा जबकि आयोग ने इसे गलत माना है।
चौथा प्रश्न- किसने ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में यह टिप्पणी की थी कि कंपनी एक असगंठित है परंतु यह उस व्यवस्था का भाग है जहां सबकुछ ही असंगत है?’ आयोग ने इस प्रश्न का उत्तर जीबी मैकाले माना है जबकि प्रतियोगियों का कहना है कि जीबी मैकाले कोई है नहीं, सही नाम टीबी मैकाले है। विकल्प में टीबी मैकाले नहीं है इसलिए प्रतियोगी इस प्रश्न को हटाने की मांग कर रहे हैं।
पांचवां प्रश्न-निम्नलिखित लोहा और इस्पात कारखानों में से कौन सा कच्चे माल क्षेत्र के समीप नहीं है?’ आयोग ने इसका उत्तर दुर्गापुर माना है जबकि एनसीईआरटी की किताब और सरकारी वेबसाइट के आधार पर प्रतियोगी सही उत्तर सेलम बता रहे हैं।
छठवां प्रश्न-निम्न युग्मों में कौन सही सुमेलित नहीं है? पाबना विद्रोह 1873, दक्कन किसान विद्रोह 1875, संन्यासी विद्रोह-1894 तथा कोल विद्रोह-1870’ आयोग ने इसका उत्तर कोल विद्रोह माना है जबकि प्रतियोगियों का कहना है कि संन्यासी विद्रोह भी सही उत्तर है। इस आधार पर इस प्रश्न को हटाने की मांग की जा रही है।
प्रश्नों को हटाने के बाद प्रति प्रश्न अंकों का निर्धारण के लिए आयोग ने एक फामरूला तैयार किया है। इसी से अंक का निर्धारण किया जाता है।
इलाहाबाद प्रमुख संवाददातालोक सेवा आयोग की पीसीएस प्री 2017 परीक्षा के प्रश्नों के उत्तर को लेकर विवाद तेज हो गया है। प्रतियोगी छात्र आयोग की ओर से जारी छह प्रश्नों के उत्तर को गलत बता रहे हैं। इनकी ओर से आयोग को उत्तर गलत साबित करने संबंधी साक्ष्य सहित आपत्ति भेजी गई है। आपत्ति 24 नवम्बर तक दर्ज होनी है।प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के उत्तर को गलत साबित करने के लिए बड़े लेखकों के साथ ही एनसीईआरटी की किताबों और कुछ सरकारी वेबसाइट से मिली सूचना को साक्ष्य बनाया है। इस साक्ष्य के आधार पर आपत्ति दर्ज कराते हुए छह में से तीन प्रश्नों का उत्तर बदलने और तीन प्रश्नों को हटाने की मांग की जा रही है।पहले ही हटाए जा चुके हैं छह प्रश्न:आयोग ने पीसीएस प्री 2017 परीक्षा से पहले ही छह प्रश्न हटा लिये हैं। सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र से एक और द्वितीय प्रश्न पत्र से पांच प्रश्नों को हटाया गया है। प्रथम प्रश्न पत्र से हटाया गया प्रश्न केंद्र सरकार की योजनाओं पर आधारित है जबकि द्वितीय प्रश्न पत्र से हटाए गए पांच प्रश्नों में से दो गणित, दो रिजनिंग और एक प्रश्न अंग्रेजी का है।विशेषज्ञों से लिये जाते हैं सिर्फ प्रश्न: आयोग पीसीएस सहित अन्य परीक्षाओं के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों से प्रश्न लेकर उनका प्रश्न बैंक तैयार करता है। जिन विशेषज्ञों से प्रश्न लिये जाते हैं उनसे उत्तर नहीं लिया जाता है। मॉडरेशन कर प्रश्न बैंक से प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। परीक्षा के बाद आयोग विशेषज्ञों से पेपर हल कराता है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट पर आवश्यकतानुसार गलत प्रश्नों को हटा या किन्हीं प्रश्नों में एक के बजाय उत्तर के दो विकल्पों को सही मानते हुए उत्तर कुंजी जारी की जाती है। इस पर परीक्षार्थियों की आपत्तियां ली जाती हैं। फिर उसके निस्तारण को विशेषज्ञों की कमेटी गठित होती है पर इनमें वे विशेषज्ञ नहीं शामिल किए जाते, जिन्होंने पूर्व में पेपर हल किया था। इनकी रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकतानुसार उत्तर कुंजी को संशोधित करते हुए ओएमआर का मूल्यांकन कर परिणाम घोषित किया जाता है। इसके बाद संशोधित उत्तर कुंजी भी जारी करने की व्यवस्था है।
इन प्रश्नों पर हुई आपत्ति
पहला प्रश्न-इनमे से कौन सा कथन सही है?
कथन एक-पश्चिमी गोदावरी जिले के गुन्टुफल्ली में प्रारंभिक चैत्यगृह और बिहार चट्टानों को काटकर बनाए गए।
कथन दो-पूर्वी दक्कन के बिहार साधारणतया चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।’ आयोग ने इसका उत्तर केवल पहला कथन सही विकल्प को माना है जबकि प्रतियोगियों का दावा है कि पहला और दूसरा कथन सही विकल्प इसका सही उत्तर है। इस आधार पर प्रतियोगी उत्तर बदलने की मांग कर रहे हैं।
दूसरा प्रश्न-अकबर के शासनकाल में दक्कन में निम्न पद्धतियों में से कौन सा भू-राजस्व वसूली का प्रचलित आधार था?’ आयोग ने इसका उत्तर हल की संख्या माना है जबकि प्रतियोगियों का कहना है कि अलग-अलग किताबों में इसके अलग-अलग उत्तर दिए गए हैं। कहीं जब्त तो कहीं कनकूट का भी उल्लेख है। इसलिए इस प्रश्न को हटाने की मांग की जा रही है।
तीसरा प्रश्न-इनमे से कौन विकल्प सही है?पहला-ब्रिटिश काल में सामान्यतया भारत का व्यापार संतुलन अनुकूल था। दूसरा-धन की निकासी का स्वरूप अप्रतिफलित निर्यात था।’ प्रतियोगियों का कहना है कि इसका उत्तर पहला गलत और दूसरा सही होगा जबकि आयोग ने इसे गलत माना है।
चौथा प्रश्न- किसने ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में यह टिप्पणी की थी कि कंपनी एक असगंठित है परंतु यह उस व्यवस्था का भाग है जहां सबकुछ ही असंगत है?’ आयोग ने इस प्रश्न का उत्तर जीबी मैकाले माना है जबकि प्रतियोगियों का कहना है कि जीबी मैकाले कोई है नहीं, सही नाम टीबी मैकाले है। विकल्प में टीबी मैकाले नहीं है इसलिए प्रतियोगी इस प्रश्न को हटाने की मांग कर रहे हैं।
पांचवां प्रश्न-निम्नलिखित लोहा और इस्पात कारखानों में से कौन सा कच्चे माल क्षेत्र के समीप नहीं है?’ आयोग ने इसका उत्तर दुर्गापुर माना है जबकि एनसीईआरटी की किताब और सरकारी वेबसाइट के आधार पर प्रतियोगी सही उत्तर सेलम बता रहे हैं।
छठवां प्रश्न-निम्न युग्मों में कौन सही सुमेलित नहीं है? पाबना विद्रोह 1873, दक्कन किसान विद्रोह 1875, संन्यासी विद्रोह-1894 तथा कोल विद्रोह-1870’ आयोग ने इसका उत्तर कोल विद्रोह माना है जबकि प्रतियोगियों का कहना है कि संन्यासी विद्रोह भी सही उत्तर है। इस आधार पर इस प्रश्न को हटाने की मांग की जा रही है।