Wednesday, 18 October 2017

UPTET उत्तर प्रदेश में हुई भर्तियों एवं उन भर्तियों में लोगों को न्याय न मिल पाने का मुख्य कारण - RISHI SRIVASTAV

बेरोजगारों द्वारा जुटाया गया सिर्फ अथाह चंदा ही था। लोगों ने दिमाग कोर्ट और मुकदमे में न लगाकर सिर्फ यह देखा की ज्यादा से ज्यादा बचत कैसे हो और अपनी गोट में माल कैसे दबाया जाए। टेट नेताओं ने उस जगह पर अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जहाँ पर सिर्फ और सिर्फ मिसाइलें दगाई जाती है मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि मुकदमा भारत की सर्वोच्च अदालत में था न कि हाइकोर्ट में या सिविल कोर्ट यदि मुकदमा निचली अदालत में होता तो उसे आगे के लिए संभाला जा सकता था। लेकिन लोगों ने ia का खेल खेलकर अभ्यर्थियों के साथ कुठाराघात किया। पद मात्र 72825 थे लेकिन दावा एक से डेढ़ लाख लोगों ने ठोक दिया वो भी एक 7 दिसंबर 2015 के बचकाने आदेश पर। लोगों ने 841 का विरोध कभी नही किया बस एक ia डाली और प्रेयर कर दी की सिमिलर पैरिटी पर हमें भी लिया जाए लेकिन ऐसा कदापि नही होता है। करोडों की लूट के बाद आज 72825 के बचे 60000 पद भी राम नाम सत्य हो गए लेकिन नेताओ द्वारा सपने सम्पूर्ण समयोजन के दिखाए गए और आज भी दिखाए जा रहे हैं कोई ट्वीट करके नौकरी मांग रहा है तो कोई मुख्यमंत्री से मिलता है लेकिन judgment में 25 जुलाई के एक लाइन भी नही लिखी है। मैंने सुप्रीम कोर्ट का आर्डर एक नही लगभग 50 बार पढ़ा होगा पूरा judgment हवा में तैर रहा है यदि अर्थ निकाला जाए तो किसी को कुछ भी नही मिला और सब कुछ मिला भी। 25 जुलाई के judgment आने के बाद लोग सुप्रीम कोर्ट के बाद हाइकोर्ट आ गए और 50 लगभग रिट फ़ाइल हुई और मिला वही ढाक के पात। इसके उपरांत जब मन नही भरा तो लोग डायरेक्ट आर्टिकल 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट पहुँच कर रिट पेटेशन फ़ाइल करने लगे लेकिन वहाँ से भी उन्हें सिर्फ मुकदमा वापस लेना पड़ा। दो रिट पेटेशन वापस हो चुकी है जबकि तीसरी का भी यही हाल होना है जो अमेठी के किसी भाई द्वारा दाखिल हो रही है। मैंने 841 का विरोध टैब किया था जब लोग याची रंग में रंगे थे और उन्हें ये लग रहा था कि जल्द नियुक्ति पत्र मिलने वाला है। मुझे आश्चर्य इस बात का था कि बिना पदों के नौकरी कैसे मिलेगी, अभ्यर्थी इस जुमलेबाजी में यह भी नही देख रहे थे कि भविष्य में क्या हो सकता है और 500 और 1000 की नोट ऐसे बांट रहे थे जैसे नियुक्ति पत्र शाम को ही छपकर मिल जायेगा। वेरिफिकेशन से लेकर go कांड तक हो गया। जबकि उस समय चुनाव आचार सहिंता लगी हुई थी। मैंने भी 841 का विरोध किया लेकिन कानून के दायरे में रहकर मेरी सुप्रीम कोर्ट में 841 के विरोध में इंटरवेंशन एप्लीकेशन फ़ाइल हुई और मांग यह हुई कि ऐसे लोगों को 841 में ट्रेनिंग पर भेजा जस रहा है जो कि भर्ती के आवेदक भी नही है इसके उपरांत स्टेट ने सभी को ट्रेनिंग पर भेज दिया लेकिन मेरे विरोध से स्टेट ने सुप्रीम कोर्ट में यह काउंटर अवश्य लगाया कि इतने लोग गलत नियुक्त हुए हैं। इसके उपरांत वही काउंटर लगाकर हाइकोर्ट में रिट पेटेशन Writ A 2694 फ़ाइल की और कहा कि आप फिर से गलत लोगों को परमानेंट कर रहे हैं जो कि ncte और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 को फॉलो नही करते जस्टिस अभिनव उपाध्याय जी ने मेरी रिट यह कहकर खारिज कर दी कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सिमिलर पैरिटी की मांग की है जबकि ऐसा कुछ नही था। मैं शांत हो गया और इंतजार करने लगा फाइनल judgment का सुप्रीम कोर्ट का, फाइनल judgment सुप्रीम कोर्ट का 25 जुलाई को डिलीवर हुआ मेरे द्वारा उसी सिंगल जज के आदेश को चैलेंज किया गया और मामला जस्टिस टंडन साहब के पास आ गया। टंडन साहब ने सभी 841 चयनितों का डेटा मंगवा लिये लेकिन 3 महीने उपरांत बेंच चेंज होती है वह भी हो गयी और मामला तरुण अग्रवाल साहब के पास आ गया तब तक बघेल साहब द्वारा रिजर्व्ड judgment भी डिलीवर हो गया और आखिरी लाइन में 862 कैंडिडेट को 66655 का हिस्सा मैन लिये। मूर्ख 841 में नियोक्ताधारी इस समय बहुत खुश हैं और यह सोच रहे हैं कि मेरी अपील 457/17 भी खारिज होगी तो मित्रों मैं यह मना रहा हूँ कि यह अपील जल्द खारिज हो या जो भी होना हो लेकिन हो जाये। फिर असली मुकाबला भारत की सर्वोच्च अदालत में होगा यदि कोर्ट भारत के संविधान को मानती है तो सभी सेलेक्ट लिस्ट शून्य कर एक नया बेस ऑफ सेलेक्शन तय कर पुनः मेरिट बनाये यदि कोर्ट ऐसा करने में सछम नही है तो सभी अभ्यर्थियों को रेवड़ी की तरह नौकरी बांटे। बांकी मेरे दिमाग मे बहुत कुछ चसल रहा है समय आने पर कोर्ट में प्रस्तुत करूँगा। बांकी सभी लोग 23 अक्टूबर को मेरी अपील संख्या457/17 का आनंद ले। अभी इस भर्ती प्रक्रिया में बहुत कुछ होने वाला है सभी लोग बस इंतजार करें।
धन्यवाद
शुभ दीपावली
आपका स्नेहिल
ऋषि श्रीवास्तव

UPTET उत्तर प्रदेश में हुई भर्तियों एवं उन भर्तियों में लोगों को न्याय न मिल पाने का मुख्य कारण - RISHI SRIVASTAV Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Sarkari Result